अगर आपका चेक बाउंस हुआ है और आप सोच रहे हैं कि इससे आपका CIBIL स्कोर (क्रेडिट स्कोर) कम हो जाएगा, तो यह जानना जरूरी है कि सिर्फ चेक बाउंस से CIBIL स्कोर सीधे नहीं घटता। लेकिन इसका दूसरा असर आपकी फाइनेंशियल इमेज पर पड़ता है, जो आगे चलकर अप्रूवल में मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
✅ CIBIL स्कोर क्या देखता है?
CIBIL या कोई भी क्रेडिट ब्यूरो आपके लोन और क्रेडिट कार्ड रीपेमेंट रिकॉर्ड, EMI समय पर भरना, कार्ड लिमिट के अनुसार खर्च जैसे पैमानों पर स्कोर तय करता है। चेक बाउंस एक बैंकिंग ट्रांजैक्शन इश्यू है, जिसका रिकॉर्ड सीधे CIBIL में नहीं जाता। लेकिन,
-
अगर आपका चेक EMI के लिए है और वो बाउंस होता है, तो लोन देने वाला बैंक इसे डिफॉल्ट की तरह रिपोर्ट कर सकता है।
-
इसी तरह क्रेडिट कार्ड बिल का चेक बाउंस हुआ तो कंपनी इसे भी डिफॉल्ट मान सकती है।
-
बार-बार चेक बाउंस होने पर बैंक आपकी ‘अच्छी छवि’ को देखेगा, जिससे फ्यूचर में लोन अप्रूवल या कार्ड लिमिट बढ़ाने में परेशानी आएगी।
-
अगर केस कोर्ट तक जाता है तो यह भी फाइनेंशियल बैकग्राउंड में नेगेटिव इफेक्ट डालता है।
🧐 केवल Personal चेक बाउंस का असर?
अगर आप किसी दोस्त, रिश्तेदार या किसी को पर्सनल पेमेंट के लिए चेक दे रहे हैं और वह बाउंस हो गया तो इसका CIBIL स्कोर पर डायरेक्ट असर नहीं होता। लेकिन कानूनी नजरिए से यह अपराध है और आपके ऊपर केस भी हो सकता है।
💡 कैसे बचें चेक बाउंस से?
-
अकाउंट बैलेंस हमेशा चेक करें।
-
EMI डेट से पहले बैलेंस रखना आदत बनाएं।
-
अगर चेक बाउंस हो जाए, तो तुरंत पेमेंट पूरा करें और बैंक चार्ज भी भरें।
-
ऑटो डेबिट ऑप्शन सेट करें जिससे भूलने की स्थिति ना बने।
-
UPI या नेटबैंकिंग के सुरक्षित ऑप्शन भी आजमाएं।
🏦 CIBIL स्कोर सुधारने के लिए क्या करें?
-
समय पर EMI और क्रेडिट कार्ड बिल भरें।
-
कार्ड लिमिट का 30-40% ही खर्च करें।
-
बार-बार लोन एप्लाई ना करें।
-
पुराना क्रेडिट कार्ड बंद ना करें, इससे हिस्ट्री लंबी रहती है।
🗳️ पोल का रिजल्ट देखने के लिए कृप्या पहले वोट करें!
👉 आपका क्या अनुभव है? क्या कभी चेक बाउंस होने से आपका स्कोर कम हुआ है या लोन रिजेक्ट हुआ? अपनी राय और अनुभव कमेंट में जरूर शेयर करें।
कमेंट्स(0)